सूरत। पांडेसरा गुजरात हाउसिंग बोर्ड की सिल्वर शॉपिंग परिसर की दुकान का बोगस कब्जा करार बनाकर हड़पने के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को गुनहगार ठहराते हुए 7 साल की सजा का आदेश दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के रघुनाथपुरा के पारसमल लालचंद शाह अपनी दादी सुंदर देवी को गुजर जाने से पांडेसरा में आए थे। पांडेसरा गुजरात हाउसिंग बोर्ड सिल्वर शॉपिंग परिसर के दुकान नंबर 12 में उनको वैकल्पिक जगह मुहैया कराई गई थी। दुकान बेंची ना जा सके, फिर भी आरोपी गौतम चंदू भाई पटेल ने सुंदर देवी का फोटो उपयोग कर 100 रुपए के स्टांप पेपर पर खरीददार के रूप में दीपक उर्फ चाचू भूपेंद्र अरोड़ा दर्शाया था। जबकि इस समग्र संपत्ति में एडवोकेट अरविंद लाल शांतिलाल सोनी को जानकारी होने पर भी उन्होंने खरीदने वाले और बेचने वाले की पहचान के रूप में आइडेंटीफाई बाय का सिक्का लगाकर दस्तखत करके दिया था। इस तरह आरोपियों द्वारा दुकान का कब्जा आपके साथ ही बिक्री करार बनाकर उसको सही के रूप में पेश कर गुनाह किया था। इस संदर्भ में पांडेसरा पुलिस में दीपक उर्फ चीचू भूपेंद्रभाई अरोड़ा (निवासी-अंबानगर उधना मगदल्ला रोड), सुनील दत्तू भाई पाटिल (निवासी-जलाराम नगर पांडेसरा), उदय नामदेव राव पाटिल (निवासी-हरिओम नगर पांडेसरा), गौतम भाई चंदू भाई पटेल और वकील अरविंद सोनी (निवासी-लिंबू शेरी) के खिलाफ धोखाधड़ी और नोटरी एक्ट की धारा 13 के तहत अपराध दर्ज किया था। इस केस की सुनवाई के दौरान फरियादी पक्ष के वकील धीरज आंचलिया तथा सरकारी वकील सौरभ चौहान ने दलील करके आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी। अंतिम सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दीपक अरोड़ा और गौतम पटेल को गुनहगार ठहराते हुए 7 साल की कैद की सजा सुनाई है।
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