IMG-LOGO
Share:

उत्तम श्रेणी के श्रावक होते उपासक : मुनि हिमांशुकुमार

IMG

 उपासक स्व साधना के साथ दूसरों की साधना में बनते योगभूत 
उपासक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

चेन्नई।आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री हिमांशुकुमारजी के सान्निध्य में उपासक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार 23.07.24 को श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा,चेन्नई के तत्वावधान में तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में हुआ।
 उपस्थित उपासक परिवार के साथ धर्मपरिषद् को सम्बोध प्रदान करते हुए मुनिश्री ने कहा कि सामान्य, मध्यम और उत्तम इन तीन श्रेणियों के श्रावकों में उपासक उत्तम श्रेणी के श्रावकों की कोटि में आते हैं। उपासक स्वयं पहले साधना,आराधना करके दूसरों की साधना में योगभूत बनते हैं। वे धर्मसंघ की उपासना, प्रभावना को प्रवर्धनमान करते हैं। 
 मुनिप्रवर ने उपासकों को छह वी के सिद्धांत दिये- 
1. विनय भाव, 
2. वैराग्य भाव (विरक्ति, अनासक्ति से गुण सम्पन्न), 
3. व्यवहार कौशल, 
4. व्यक्तत्व शैली, 
5. वाणी संयम और 
6. विवेक सम्पन्न बनने की प्रेरणा दी।
 प्रथम सत्र में मुनि श्री ने कहा कि जिस व्यक्ति के हृदय में नवकार का वास है, वह सदैव सफल होता है। नमस्कार महामंत्र का विधि सहित, श्रद्धा के साथ साधना करने से साधक के जीवन का कायाकल्प होता है। नवीन ऊर्जा का संचार होता है। जन्मों-जन्मों से बंधे कर्मों का क्षय होता है। पाप कर्म टुटते है।
 मुनि श्री हेमंतकुमारजी ने कहा कि उपासक परिवार में आपस में सौहार्द, सामंजस्य होना चाहिए। आपकी विषय प्रस्तुति में परम्परा, व्यक्तिगत, व्यवहारिकता और आधुनिकता के बिन्दुओं का समावेश होना चाहिए। उपासकों के जीवन का परिवर्तन श्रोताओं के परिवर्तन में योगभूत बनता है। अभिव्यक्ति में नयेपन के साथ उपयोगिता की प्रधानता हो और सकारात्मकता के साथ जिज्ञासुओ की जिज्ञासाओं का समाधान करें।
 आज की इस वर्ष की प्रथम कार्यशाला में चेन्नई के 19 उपासक उपासिकाओं ने सहभागिता दर्ज की।
 समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

Leave a Comment

Latest Articles

विद्रोही आवाज़
hello विद्रोही आवाज़

Slot Gacor

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Pulsa

Slot Deposit Pulsa Tanpa Potongan

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Login Slot

Situs Slot Gacor