सूरत। वर्ष 2012 में गोडादरा की सत्यम अस्पताल में की गई जांच में प्री-कंस्पेंशन और प्री नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक भंग करने के बदले कोर्ट ने डा. मुकेश छाजेड़ को 3 महीने की कैद और 10 हजार का दंड का आदेश सुनाया है।
केस के विवरण के अनुसार वर्ष 2012 में मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष कुमार सिन्हा ने गोडादरा की प्रियंका टाउनशिप के बगल आस्तिक नगर की सत्यम अस्पताल में आवश्यक जांच कार्रवाई शुरू की थी। उस जांच के दौरान अस्पताल में कई खामियां सामने आई थी। अस्पताल से फॉर्म एस भी मिला था। 134 फार्म में इंडिकेशन नहीं लिखा गया था, 111 फार्म में डॉक्टर का सिग्नेचर नहीं किया गया था। पंजीयन रजिस्टर में विवरण अधूरे भरे गए थे। 4 मरीजों की सोनोग्राफी में पेशन्ट के दस्तखत नहीं थे। अतः पीसीपीएनडीटी एक्टर उल्लंघन मालूम होने पर सत्यम अस्पताल के डॉक्टर मुकेश छाजेड़ के खिलाफ सीनियर एडवोकेट मुख्तार एम शेख के मार्फत कोर्ट में केस की गई थी। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डॉ मुकेश छाजेड़ को कसूरवार ठहराते हुए तीन माह की कैद और 10,000 रुपए दंड का आदेश दिया है।
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