IMG-LOGO
Share:

साध्वी श्री हिम श्री जी का पर्वत पाटीया के सफल चातुर्मासिक प्रवास का मंगल विहार

IMG

सूरत।परम पुज्य  आचार्य श्री महा श्रमण जी के आज्ञानुवर्ती साध्वी श्री हिम श्री जी ठाणा 5 का आज पर्वत पाटीया पांच मासिक सफल प्रवास के बाद एतिहासिक मंगल विहार हुआ। साध्वी श्री हिम श्री जी ने पर्वत पाटीया चातुर्मासिक समाप्ति पर प्रदत्त अपने मंगल विशेष उद्बोधन मे राजा परदेशी के जीवन के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा "नास्तिक व  हिंसा मे लिप्त इंसान भी साधु संतो की शरण मे जाने से आस्तिक तथा अहिंसक बन जाता है। 
साधु संतो का चातुर्मास प्रवास विशेष रूप आंतरिक परिवर्तन व जीवन को संवारने वाला होता है  प्रत्येक व्यक्ति को धर्म आराधना की निरंतरता बनाये रखे। ऎसा ना हो कि चातुर्मास मे धर्म आराधना करे व बाद मे सुस्ती आ जाय  साध्वी श्री ने विशेष फरमाया की तेरस का धम्म जागरण व पक्खी प्रतिक्रमण व शनिवार की सामायिक तो भवन मे होनी चाहिये।  साध्वी श्री अपने अभिभाषण मे पर्वत पाटीया की कर्तव्य निष्ठा सेवा भावी  समर्पण व गम्भीर विवेक  की सराहना की।
साध्वी श्री की विदाई देने व मंगल भावना प्रेषित करने  आए  सभी श्रावक श्राविकाओं जेसै ही साध्वी श्री भवन से प्रस्थान करते देखा तो लोगो का व्यवस्थित जुलुस के रुप मे दो दो की लाईन मे परिवर्तन हो गये। साध्वी श्री का चातुर्मास अनेक दृष्टियो से पर्वत पाटीया समाज तेंरापंथ धर्म संघ के लिए अत्यंत फयदायक रहा। पर्वत पाटीया तेरापंथ समाज के लिये सदैव अविस्मरणीय रहेगा

Leave a Comment

Latest Articles

विद्रोही आवाज़
hello विद्रोही आवाज़

Slot Gacor

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Pulsa

Slot Deposit Pulsa Tanpa Potongan

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Login Slot

Situs Slot Gacor