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आचार्य डॉ लोकेशजी को नेल्सन मंडेला ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल अवार्ड 2022 समर्पित

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आचार्य लोकेशजी ने ‘मानवाधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ को संबोधित किया

क्राइम मुक्त भारत एवं मनवाधिकारों की रक्षा के लिए मूल्यपरक शिक्षा आवश्यक है – आचार्य लोकेश

नई दिल्ली: अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं क्राइम कंट्रोल ब्यूरो द्वारा दिल्ली के होटल अशोका में आयोजित ‘मानवाधिकारों पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन 2022’ के उदघाटन सत्र को संबोधित किया । इस अवसर पर, आचार्य लोकेशजी को अहिंसा, शांति व सद्भावना के संदेश को देश-दुनिया में फैलाने के अभूतपूर्व कार्यों के लिए ‘नेल्सन मंडेला ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल अवार्ड 2022’ से सम्मानित किया गया । सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री श्री रामदास आठवले, जस्टिस श्री एमएम कुमार, अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल श्री विक्रमजीत बनर्जी, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो, रांची विश्विद्यालय के कुलपति डॉ अजित कुमार सिन्हाजी, सांसद पद्मश्री हंस राज हंस, एनसीएसके के अध्यक्ष श्री एम वेंकटेसन, पूर्व सांसद श्री भूनेश्वर प्रसाद मेहता, एनएचआरसीसीबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।  

    विश्व शांतिदूत प्रख्यात जैनाचार्य डॉ लोकेशजी ने इस अवसर पर क्राइम के मूल कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गरीबी, अभाव, नशा, गुस्सा, अति लोभ, आबादी विस्फोट आदि भी अपराध के लिए जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि क्राइम मुक्त भारत एवं मानवाधिकारों के रक्षा के लिए मूल्यपरक शिक्षा आवश्यक है| उन्होने कहा कि मानवाधिकार यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार हो। 

    केन्द्रीय मंत्री श्री रामदास आठवले ने आचार्य लोकेशजी को ‘नेल्सन मंडेला ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल अवार्ड 2022’ से सम्मानित करते हुए कहा कि मनवाधिकारों की रक्षा के लिए जैनाचार्य लोकेशजी से अधिक उपयुक्त कोई व्यक्ति नहीं हो सकता क्योकि जैन सिद्धान्त मनवाधिकारों से आगे जीव (प्राणी मात्र) और अजीव के अधिकारों की रक्षा की बात करता है। उन्होने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मानव के सुखी जीवन के लिए मानव अधिकार बहुत आवश्यक है। हमें मानव के हितों की रक्षा के लिए साथ आने की जरूरत है। 

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस एमएम कुमार ने कहा कि विश्व के अनेक देश सुशासन की ओर ध्यान देते है, भारत को भी विकास की गति तेज करने के लिए सुशासन का रास्ता अपनाना होगा | सुशासन में जनता की भागीदारी आवश्यक है | एक ऐसा शासन जिसमे देश के लोग प्रसन्न हों, उनका संतुलित विकास हो, देश के फैसले में उनकी भागीदारी हो | इसके लिए जनता का जागरूक होना आवश्यक है, यह रास्ता सही मायने में मानवाधिकार की रक्षा के लिए बेहतर होगा। 
    इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र में सवागत भाषण व धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार ने दिया एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कन्वेंशन की स्मारिका का भी लोकार्पण किया गया ।

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