सूरत।चैत्र पूर्णिमा हनुमान जन्मोत्सव के पावन पर्व पर संघ द्वारा 102 वी यात्रा धूमधाम से निकाली गई मंदिर पहुचकर आरती हवन इत्यादी कार्यक्रम हुए।
यात्रा के लाभार्थी प्रकाशसिंह,मनोजसिंह सुपुत्र हुकुमसिंह जी हेमावास का स्वागत यात्रा परिवार सज्जनसिंह रूपावास,रामसिंह ढंढोरा द्वारा किया गया। विशेष यात्रा में बारडोली से भक्तगण किशोरसिंह देवली,नरेन्द्रसिंह देवली,प्रवीणसिंह माण्डल,अर्जुनसिंह इसाली,भवरसिंह धनला पधारे।जिनका स्वागत शैतानसिंह जागसा,उकाराम सेलवाड़ा,अमृतभाई भटाना,इंदरसिंह जेठन्तरी,गोपालसिंह ओड़वाड़ा,हनुमानसिंह मादा,अर्जुनसिंह मोरखा द्वारा किया गया। पैदल यात्रा संघ के संयोजक महेंद्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि यात्रा के दौरान एक अद्भत संजोग बना। 102 वी पैदल यात्रा ओर हनुमान जन्मोत्सव सभी युगों में जितना स्मरण हनुमानजी महाराज का होता है, उतना ही स्मरण कलयुग मे सृष्टि के रचियेता भगवान ब्रह्माजी के वंशाअवतार खेतारामजी महाराज का होता है।क्योकि खेतारामजी महाराज ने इस भूमण्डल पर अलौकिक ब्रह्मधाम की स्थापना सन 1984 में कर प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण करके उसी दिन अपने प्राण ब्रह्माजी को समर्पित कर लाखो की जनमेदनी के सामने हमेशा के लिये भूमण्डल में समाहित हो गए।अतः समस्त मनुष्य मात्र के आराध्य श्री खेतेश्वर महाराज को वंदन करते हुए यात्रा पूर्ण करते है। सभी कार्यकताओ भक्तो समाज बन्धु जो यात्रा में पधारे सभी का जगदीश झाड़ोली ने दिल से आभार व्यक्त किया।