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जैन संतों के उपदेश विश्व कल्याण के लिए प्रासंगिक - राज्यपाल गुजरात

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श्री पालीतणा जैन तीर्थ पर खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव में रू 1000 के रजत सिक्के व डाक टिकट का हुआ विमोचन 

गुजरात के भावनगर जिले स्थित श्री पालीतणा जैन तीर्थ पर खतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव में गुजरात के राज्यपाल पधारे। उन्होंने खतरगच्छ संस्थापक आचार्य जिनेश्वरसूरी जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन किया। आचार्य श्री का महामंगलिक नवकार महामंत्रोच्चार से किया गया। खरतरगच्छ सहस्राब्दी के इस पुनीत अवसर पर रू1000 के रजत सिक्के का विमोचन व डाक टिकट भी महामहिम ने किया। राज्यपाल महोदय आचार्य देवव्रत जी ने श्री जिन पियूषसागर सूरीश्वर जी को विमोचित सिक्का भेंट किया। यह स्मारक सिक्का सहस्त्राब्दी वर्ष के उपलक्ष में भारत सरकार ने जारी किया है। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल ने जैन धर्म के पंच तत्वों पर सारगर्भित भाषण से समारोह में उपस्थित जैन समुदाय के सभी सुधी जनों का मन मोह लिया। राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में जैन संतों के त्यागी, तपस्वी, मर्यादित, संयमी आदर्श जीवन सिद्धांतों को मानव कल्याण के मंत्र बताए। अहिंसा तथा जियो और जीने दो के सिद्धांत आज पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय और प्रासंगिक हैं। जो शांति और सम्मान से जीवन जीने का संदेश देते हैं। मनुष्य में देवत्व का उदय करने वाले हैं। भारतीय साहित्य और संस्कृति को नवजीवन प्रदान करने वाले हैं। जैन संतों ने जो उपदेश दिए उन्हें अपने आचरण में भी धारण किया। उपदेशों से जैन संतों ने नैतिकता से जीने का संदेश देश और दुनिया को दिया। वहीं अहिंसक और संयमी तपस्या से स्वयं को कुंदन बनाया और सबको ऐसी ही प्रेरणा दी। जैन संतो के जीवन के आदर्श सार्वभौमिक सिद्धांत विश्व कल्याण के लिए ही है। प्रमुख समाजसेवी श्री ललित नाहटा ने अपने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत व आभार के साथ वर्षपर्यंत हुए कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। श्री पालीतणा जैन तीर्थ मे इस अवसर पर श्रद्धा का सागर उमड़ पड़ा। पालीताणा के स्थानीय व्यक्तियों का कहना था कि सहस्राब्दी महोत्सव आज तक के इतिहास में यह समारोह भव्यातिभव्य रहा व राष्ट्रीय स्तर का समारोह भी प्रथम बार हुआ कि जिसमें सिक्के व डाक टिकट का अनावरण हुआ।


मालवा श्री संघ सुश्रावको का सम्मान करेगा

खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी महोत्सव के अंतर्गत 6 माह तक निरंतर अपनी उल्लेखनीय सेवा देकर महोत्सव को यादगार बनाया जाने वालों को मालवा श्री संघ प्रशंसा पत्र प्रदान कर उनकी सेवाओं की अनुमोदन करेगा। जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ मालवा श्री संघ के अध्यक्ष ठाकुर बसंत सिंह श्रीमाल ने विस्तार जानकारी देते बताया कि खरतरगच्छ की स्थापना के एक हज़ार वर्ष पूर्ण होने के अवसर एक भव्य महोत्सव श्री पालीताना तीर्थ पर खरतरगच्छाचार्य श्री जिन पीयूषसागर सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सहस्त्राब्दी समिति के सहसंयोजक ललित नाहटा तथा महामंत्री सुपारस गोलेछा रूपेश गोलछा कमलेश बछावत अभय छाजेड़ जवेरी लाल बछावत प्रफुल्ल भाई रमेश मालू अशोक भूणिया मंजू भाई गोलेछा,विनोद धारीवाल बाबूलाल संकलेचा आदि है जिनका मालवा श्री संघ ने उनकी सेवाओं की बहुत-बहुत अनुमोदना करता है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है ज्ञातव्य है कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होकर 1000? की मोहर व डाक टिकट का विमोचन भी किया जो जैन समाज के लिए सदैव ऐतिहासिक विषय रहेगा।

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