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टेक्सटाइल पार्सल स्पेशल ट्रेन को नही मिल रही है पर्याप्त बुकिंग

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उधना न्यू गुड्स शेड और चलथान से 

सूरत के कपड़ा व्यापारी रेलवे-डाक की संयुक्त पार्सल सेवा का लाभ क्यों नहीं ले रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए रेल मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने फोस्टा के साथ बैठक की।

पश्चिम रेलवे द्वारा उधना न्यू गुड्स यार्ड और चलथन गुड्स यार्ड के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद, सूरत के कपड़ा व्यापारी बाहर मंडियों में कपड़ा पार्सल भेजने के लिए फास्ट ट्रेन सेवा के बजाय ट्रकों का उपयोग करना जारी रखते हैं। रेलवे मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक जीवीएल सत्यकुमार और एआरएम मनोजकुमार सिंह ने फोस्टा के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, चंपालाल बोथरा, गोकुलचंद बजाज और दिनेश त्रिवेदी के साथ  बैठक की। और व्यापारियों के सवाल सुने। अधिकारियों ने रेलवे और पोस्ट विभाग की लिफ्टिंग और डिलीवरी योजना का लाभ पार्सल भेजने और लाने और बाजार में बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे  की तैयारी बताई। व्यापारियों ने कहा कि रेलवे माल पार्सल सेवा का उपयोग कम किया जा रहा है क्योंकि यह ट्रक परिवहन की तुलना में अधिक महंगा है। इस मामले में रेलवे ने अगले बजट में फैसला लेने का आश्वासन दिया। यहां उल्लेखनीय है कि 4 सितंबर-2021 को 
रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने उधना न्यू गुड्स शेड से टेक्सटाइल पार्सल स्पेशल ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें टेक्सटाइल से लदे एनएमजी वैगनों को रवाना किया गया था। पश्चिम रेलवे के उधना न्यू गुड्स शेड का पहला टेक्सटाइल पार्सल ट्रेन पटना के पास दानापुर और मुजफ्फरपुर के पास राम दयालु नगर के लिए पहुंची थी।
पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) के निरंतर प्रयासों से उधना न्यू गुड्स शेड में पहली बार अनुकूलित एनएमजी वैगनों में कपड़ा पार्सल लोड किया गया था। इसी क्रम में उधना न्यू गुड्स शेड से पहली बार 25 एनएमजी वैगन वाली टेक्सटाइल पार्सल स्पेशल ट्रेन पटना और मुजफ्फरपुर क्षेत्र के लिए चलाई गई।माना जा रहा था कि इस अभिनव पहल से सूरत क्षेत्र के कपड़ा बाजार को विशेष रूप से लाभ होगा। लेकिन इस योजना को बहुत ही खराब प्रतिसाद मिला है। इससे पहले, पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने पहली बार चलथान से कोलकाता के निकट शालीमार तक 202.4 टन कपड़े के पार्सल का परिवहन किया था। मुंबई मंडल में इस प्रकार के वस्त्र परिवहन को संभालने के लिए एनएमजी वैगन लोडिंग के लिए सूरत, उधना न्यू गुड्स शेड, चालथन और गंगाधारा को नामित किया गया है। लेकिन ये बिना उपयोग के पड़े है।

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