*पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने व्यापारियों से आर्थिक अपराधों से बचने के लिए वस्त्र सुरक्षा सेतु ऐप का उपयोग करने की अपील की*
* व्यापारी वित्तीय अपराध से निपटने में कैसे मदद कर सकते हैं? चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इसकी जानकारी लेने के लिए पुलिस विभाग और उद्योगपतियों के बीच संवाद बैठक आयोजित की: हिमांशु बोडावाला*
*सूरत।* दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सोमवार को, दिनांक। 3 अक्टूबर 2015 को शाम 6:00 बजे समृद्धि, नानपुरा, सूरत में सूरत सहित दक्षिण गुजरात के पुलिस विभाग और व्यापारियों के बीच 'आर्थिक अपराध' पर एक संवादात्मक बैठक आयोजित की गई। सूरत शहर के पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे और उद्योग जगत से जुड़े कारोबारियों को संबोधित किया।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा, किसी भी शहर का विकास उसकी औद्योगिक शांति पर निर्भर करता है। उद्योग केवल उन्हीं क्षेत्रों में फलते-फूलते हैं जहां कानून और व्यवस्था के मुद्दे न्यूनतम हैं। सूरत में औद्योगिक शांति अपने चरम पर है लेकिन यह अपराध पर पुलिस के नियंत्रण के कारण है। तो आर्थिक अपराध को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है और उद्योग से जुड़े व्यवसायियों को क्या करना चाहिए? सूरत को उसके पुलिस विभाग से जानकारी प्राप्त कर और अधिक सुरक्षित और सुरक्षित कैसे बनाया जाए, इस दिशा में हम आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे।
सूरत शहर के पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने कहा कि सूरत के व्यापारी दूसरे राज्यों के व्यापारियों को बड़ी आसानी से माल उधार दे देते हैं। इस मामले से भलीभांति वाकिफ अपराधी सूरत के व्यापारियों से धोखाधड़ी कर रहे हैं।सूरत में मुख्य रूप से धोखाधड़ी,फ्रॉड और विश्वासघात तीन प्रकार के आर्थिक अपराध होते हैं। अपराधी धंधे की शुरुआत से ही ठगी की योजना बनाते हैं। दूसरी ओर, व्यापारी का विश्वास हासिल करने और उससे उधार पर माल खरीदने के बाद, अपराधी विश्वासघात करता है। पुलिस इन तीनों मामलों में शिकायत दर्ज करने को तैयार है, लेकिन कारोबार में भरोसे को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।भुगतान आएगा या नहीं, इस पर पहले से विचार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए पुलिस और व्यापारियों दोनों को मिलकर काम करना होगा।इसके लिए उन्होंने व्यापारियों से टेक्सटाइल सिक्योरिटी सेतु एप का इस्तेमाल करने को कहा। वहीं दूसरी ओर लाखों रुपये के लेन-देन में व्यापारी पैसे निकालने के लिए पुलिस के पास आवेदन करते हैं और फिर पुलिस अधिकारी हो रही अनहोनी को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने व्यापारियों से भूमि हथियाने के अपराधों(लेंड ग्रेबिंग) को रोकने के लिए सतर्क रहने को भी कहा। अगर आपको कुछ मुफ्त में मिलता है, तो आप उसके लिए एक उत्पाद हैं। इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच-समझकर करने की सलाह दी।
उन्होंने आगे कहा कि ये आपकी पुलिस है किसी और की नहीं,तो आप बिना किसी डर के पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में सभी औद्योगिक संघों को व्यापारियों द्वारा अधिकतम उपयोग के लिए वस्त्र सुरक्षा सेतु ऐप के बारे में जागरूकता के लिए एक अभियान चलाना चाहिए।
सूरत के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात और अपराध) शरद सिंघल ने कहा, कपड़ा व्यापारियों की मदद के लिए सूरत सिटी पुलिस द्वारा कपड़ा सुरक्षा सेतु एप्लिकेशन बनाया गया है। उन्होंने प्रेजेंटेशन के साथ टेक्सटाइल सिक्योरिटी सेतु के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उद्योगपतियों और व्यापारियों से पुलिस के टेक्सटाइल सिक्योरिटी सेतु एप का इस्तेमाल करने की अपील की। जिससे व्यापारियों को ठगी करने वाले अपराधियों से बचाया जा सके। कभी-कभी व्यापारी व्यवसाय में प्रतिशत के लालच में आ जाते हैं और धोखेबाजों के शिकार हो जाते हैं।
आर्थिक अपराध करने वाले अपराधी निवेशकों को एमएलएम योजनाओं और अन्य योजनाओं में लुभाते हैं,जिसमे कपड़ा और हीरा उद्योगों के कई छोटे व्यापारियों फसे होने के मामले पुलिस थानों में दर्ज हुवे है। अपराधी संदेश भेजकर और यहां तक कि वीडियो कॉल कर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर अपराध करते हैं। इसलिए उन्होंने अनजान नंबरों से वीडियो कॉल न उठाने की सलाह दी। उन्होंने व्यवसायियों से अपील की कि वे फेसबुक अकाउंट हैक करने के अपराध की जानकारी देने से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि सूरत पुलिस की साइबर सेल द्वारा विपरीत परिस्थिति में भी दूसरे राज्यों में जाकर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री भावेश टेलर ने पुलिस विभाग और कारोबारियों के बीच हुई संवादात्मक बैठक का संचालन किया।चैंबर्स ओपन फोरम के अध्यक्ष शैलेश देसाई ने पूरी बैठक की रूपरेखा तैयार की। इस बैठक में चैंबर के संयोजक एवं ग्रुप चेयरमैन दीपक कुमार शेठवाला ने ओपन फोरम का संचालन किया। खुले मंच के दौरान, व्यापारियों द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रश्नों का पुलिस अधिकारियों द्वारा संतोषजनक उत्तर दिया गया। अंत में चैंबर के उपाध्यक्ष रमेश वाघासिया ने सर्वे का आभार जताते हुए बैठक का समापन किया।