नंदुरबार। यहां पोरवाड वाडी में 26 से 28 अप्रैल तक श्री गुसांईजी जीवनी कथा का आयोजन किया गया है। आयोजकों द्वारा जिले के वैष्णव समुदाय के सदस्यों से बड़ी संख्या में कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया गया है।
वैष्णव संप्रदाय के संस्थापक जगद्गुरु श्रीमद वल्लभाचार्य महाप्रभु के दूसरे पुत्र श्री विट्ठलनाथजी (प्राकट्य वि. सं. 1573) को वैष्णव संप्रदाय में श्री गुसांईजी के नाम से जाना जाता है। नंदुरबार के श्री समस्त गुजराती वैष्णव परिवार ने पोरवाड वाडी में श्री गुसांईजी की जीवन कथा का आयोजन किया है। शुक्रवार 26 अप्रैल से 28 अप्रैल तक होने वाले इस कार्यक्रम में कामवन सूरत स्थित पंचम पीठ के युवा वैष्णवाचार्य गोस्वामी 108 श्री गोविंदरायजी महाराज को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम के दूसरे दिन इच्छुक वैष्णव बंधुओं को श्री गोविंदरायजी महाराज द्वारा ब्रह्मसंबन्ध दीक्षा दी जायेगी।
युवा वैष्णवाचार्य श्री गोविंदरायजी महाराज का 26 अप्रैल को सुबह 11 बजे सूरत से कार द्वारा आगमन होगा। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे पुष्टिधाम हवेली से पोथी यात्रा प्रस्थान करेगी। पोथी यात्रा वाणी गली, जय हॉस्पिटल, श्रद्धा हॉस्पिटल, हनुमान मंदिर गली होते हुए पोरवाड वाडी पहुंचेगी। शाम 4 से 6.30बजे तक वैष्णवाचार्य श्री गोविंदरायजी महाराज श्री गुसांईजी के जीवन वृतांत पर व्याख्यान देंगे। उसके बाद नंदमहोत्सव मनाया जाएगा। 27 अप्रैल की सुबह श्री गोविंदरायजी महाराज पुष्टिधाम हवेली में इच्छुक वैष्णव बंधुओं को ब्रह्मसंबद्ध दीक्षा देंगे। अपराह्न 3.30 बजे; पोरवाड वाडी में गिरिराज की स्थापना की जाएगी और चार से सात बजे तक जीवन वृतांत पर व्याख्यान होंगा। 28 अप्रैल को दोपहर 3.30 बजे से शाम 6.00 बजे तक जीवन वृतांत पर व्याख्यान होगा, उसके बाद श्री यमुना रासोत्सव और अंत में श्री यमुना महाआरती के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।
जो वैष्णव बंधु कार्यक्रम में मनोरथी बनना चाहते हैं वे श्री राजेंद्र जमनादास वाणी (9372431639) से तथा जो वैष्णव भाई ब्रह्मसंबद्ध दीक्षा लेना चाहते हैं वे श्री कौशिक भाई पोपटलाल शाह (88888193201) से संपर्क कर सकते है। शहर एवं आसपास के वैष्णवों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में शामिल होने का अनुरोध आयोजकों द्वारा किया गया है।