सूरत। सूरत के टैक्सटाइल प्रोसेसिंग उद्योगों में उपयोग होने वाले खतरनाक रसायन को कम करने सहित जरूरत के अनुसार पानी का उपयोग करने सहित विविध मुद्दों पर एक चर्चा का आयोजन किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन द्वारा अपने सदस्यों के लिए खतरनाक रसायन कम करने, उर्जा और पानी का बचत करने, कम कचरा और उसका निराकरण करने तथा ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम करने के लिए उत्तम पद्धति और तकनीकी के बारे में चर्चा करने हेतु सभा का आयोजन जीपीसीबी रिजिनल ऑफिसर जिज्ञासा ओझा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें जितेंद्र कुमार वारिया, साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख स्वाति भोगले,यूनाइटेड नेशन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के डॉ.पंकज कुमार, पांडेसरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रमुख कमल विजय तुल्यान उपस्थित रहे।
टेक्सटाइल प्रोसेसर इकाइयों के वर्कर सेफ्टी, बेसिक सुविधा, इमरजेंसी सेफ्टी मेजर, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी मेजर, इटीपी, वाटर सेग्रीसन रीसाइक्लिंग वाटर और वाटर मैनेजमेंट के बारे में चर्चा हुई। जिसमें साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए जरूरी कार्य जैसे की 80 एमएलडी टर्सरी ट्रीटेड पानी के उपयोग, एमिशन ट्रेडिंग स्कीम, कॉमन एफ्लुएन्ट प्लांट के बारे में सुझाव दिया। जीपीसीबी की रिजिनल ऑफिसर जिज्ञासा ओझा ने सभी को स्ट्रीम की बचत किस तरह से करनी चाहिए और महात्मा गांधी जिस तरह से जरूर अनुसार पानी का उपयोग करते थे उसके अनुसार पानी का उपयोग करने पर बल देते हुए सुझाव दिया। यूनाइटेड नेशन इंडस्ट्रीज द्वारा सभी यूनिटों में जाकर डाटा एकत्र करके खतरनाक रसायन, पानी और उर्जा उपयोग कम करने, स्ट्रीम का उपयोग कम करने जैसे मुद्दों पर रिसर्च किया जाएगा। जरूरत के अनुसार मशीनरी सहित संयंत्र वाली इकाइयों में पायलट प्रोजेक्ट किया जाएगा।
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