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पीएम गति शक्ति और एक्ज़िम प्रक्रिया डिजिटलीकरण पर सेमिनार आयोजन

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चैंबर ऑफ कॉमर्स के मिशन 84 प्रोजेक्ट के तहत '

 पीएम गति शक्ति के लॉन्च के बाद लॉजिस्टिक खर्च जीडीपी का केवल 7% है। 8 फीसदी हो गया है : चैंबर अध्यक्ष रमेश वघासिया


यूलिप के माध्यम से, निर्माता , ई-कॉमर्स , ट्रांसपोर्टर और लॉजिस्टिक सेवा प्रदाता अपने कंटेनरों का वास्तविक समय औऱ लोकेशन प्राप्त कर सकते हैं : अंशुमन पटनायक, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज


एक्ज़िम प्रक्रिया 99 प्रतिशत मैनुअल है , केवल 1 प्रतिशत डिजिटल है : हरेश कलकत्तावाला, सह-संस्थापक, ट्रेज़िक्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड।


सूरत:दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शनिवार को एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 का आयोजन किया। 24 फरवरी 2014को शाम5:00बजे 'सेमिनार हॉल-ए ,सूरत इंटरनेशनल एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर ,सरसाना सूरत  में 'गति शक्ति और एक्जिम प्रक्रिया डिजिटलीकरण 'पर  सेमिनार का आयोजन  किया गया  ।जिसमें एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेजके बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर अंशुमन पटनायक और ट्रेजिक्ससॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक हरेश कलकत्तावाला ने व्यापारियों को भारतीय उत्पादों की निर्यात प्रक्रिया में बदलाव और आसान आयात-निर्यात प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। मिस्र में भारतीय राजदूत निवेथा सेमिनार में ऑनलाइन शामिल हुईं।


चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश वघासिया ने स्वागत भाषण में कहा कि पहले जब दुनिया के अन्य देशों की लॉजिस्टिक लागत कुल जीडीपी का 8 से 10 प्रतिशत थी,तब भारत की लॉजिस्टिक लागत 14 प्रतिशत थी। लेकिन पीएम गति शक्ति के लॉन्च के बाद लॉजिस्टिक खर्च जीडीपी का केवल 7% है। 8 फीसदी हो गया है। विश्व के अन्य देश जलमार्ग का उपयोग कर अधिक निर्यात करते हैं। यूएसए।  द्वारा 16.9 प्रतिशत और जापान द्वारा 99 प्रतिशत माल परिवहन जलमार्ग द्वारा किया जाता है ,जबकि भारत में केवल 2 प्रतिशत जलमार्ग द्वारा परिवहन करता है। 


परिवहन के अन्य साधनों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा , 'भारत में कार्गो रिलीज का समय कम हो गया है। वर्ष 2011 में 107 घंटे लगते थे ,जो वर्ष 2013 से घटकर 85 घंटे हो गये। भारत में कुल लॉजिस्टिक परिवहन का 71 प्रतिशत सड़क मार्ग द्वारा किया जाता है ,जबकि 17.5 प्रतिशत लॉजिस्टिक परिवहन रेल द्वारा किया जाता है। 


पीएम की गति से देश के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं। साथ ही क्षेत्रीय विकास और बुनियादी ढांचे का अंतर भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनने वाला 100 पीएम काइनेटिक कार्गो देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देगा। उन्होंने वर्ष 2022-2023 में लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए सरकार द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी।


एनआईसीडीसीलॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, अंशुमन पटनायक ने कहा कि यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफ़ेस प्लेटफ़ॉर्म (ULIP) को 17 सितंबर ,2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्रभाई मोदी द्वारा राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत लॉन्च किया गया था ।जिसके कारण निर्यात की लागत दोहरे अंक से एकल अंक पर आ गयी है। यूलिप के माध्यम से निर्यातकों को अपने उत्पाद कंटेनरों के बारे में 100 प्रतिशत सटीक जानकारी मिलती है। यूलिप के माध्यम से, निर्माता ,ई-कॉमर्स ,ट्रांसपोर्टर और लॉजिस्टिक सेवा प्रदाता अपने कंटेनरों का वास्तविक समय और लोकेशन प्राप्त कर सकते हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि , यूलिप के तहत निर्यातक रेल ,सड़क, हवाई और समुद्र मार्ग से उत्पाद निर्यात कर सकते हैं ।इसके साथ ही बड़े उद्योग ,स्टार्ट-अप , एफ एमसीजी, एमएसएमई, सीपीएसई/पीएसयूके उद्यमी ग्रीन लॉजिस्टिक्स का उपयोग करके निर्यात लागत को कम कर सकते हैं और ग्रीन लॉजिस्टिक्स के कारण कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। 


ट्रेज़िक्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक हरेश कलकत्ता वाला ने कहा ,निर्यातक अनुपालन संबंधी मुद्दों और ट्रैक एंड ट्रेस को एक महत्वपूर्ण समस्या मानते हैं क्योंकि निर्यातप्रक्रिया बहुत लंबी है ।भारत में, खरीद ऑर्डर से लेकर आयातक तक ऑर्डर पहुंचने तक की EXIM प्रक्रिया 99 प्रतिशत मैनुअल है ,केवल 1 प्रतिशत डिजिटल है। सभी प्रक्रियाएँ मैनुअल यानीएक्सेल ,वर्ड और ई-मेल के माध्यम से की जाती हैं । 


उन्होंने आगे कहा कि  एक बात जो विकसित देशों के उद्यमियों या सफल भारतीय उद्यमियों में देखी जाती है वह है परफेक्शनिस्टों को काम पर रखना। उसे अपना काम करने दो। बिजनेस करते समय टैक्स और अन्य चीजों पर पैसे बचाने के बजाय अपने बिजनेस को नए आयामों पर ले जाने के लिए खर्च करना हमेशा जरूरी होता है। '


चेम्बर के  पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोदावाला सेमिनार में उपस्थित सभी को  धन्यवाद औऱ आभार प्रकट किया।मानद कोषाध्यक्ष किरण ठुंमर और समूह अध्यक्ष अमिश शाह और भावेश टेलर औऱ उद्योग उद्यमी हाजिर रहे। एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन- 84 के सीईओ परेश भट्ट ने पूरे सेमिनार का संचालन किया। दोनों विशेषग्यो ने  उद्योग उद्यमियों के विभिन्न प्रश्नों का संतोषजनक जवाब दिया।

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