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करवा चौथ पर देश भर में होगा 15 हज़ार करोड़ का व्यापार

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दिल्ली में ही डेढ़ हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की उम्मीद

करवा चौथ की ख़रीदारी के लिए सज गए हैं बाज़ार

मेहँदी और सुहाग के सामान की होगी खूब बिक्री

करवाचौथ पर खरीदारी को लेकर दिल्ली सहित देश भर के बाज़ारों में काफ़ी रौनक़ दिखाई दे रही है और ऐसी संभावना है कि इस बार देश भर में करवा चौथ का व्यापार 15 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का होगा। केवल दिल्ली में ही करवा चौथ पर लगभग डेढ़ हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का व्यापार होने की उम्मीद है।यूँ तो करवा चौथ महिलाओं का त्यौहार है लेकिन अब पत्नी का साथ देने के लिए पुरुष भी करवा चौथ का व्रत रखने लग गये हैं। 

कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि आगामी 1 नवम्बर को करवा चौथ का त्यौहार है । भारत में यह त्यौहार सौभाग्य का प्रतीक है और सुहागिन महिलाएँ इस दिन व्रत रख अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और रात्रि में चंद्रमा के दर्शन एवं पूजा कर अपना व्रत खोलती हैं। दिन में महिलाएँ करवा देवी की पूजा करती हैं और करवा माता की कथा कहकर अपने पति की लंबी उम्र और परिवार को सुखी रहने की दुआ करती हैं। 

पिछले कई दिनों से करवा चौथ के पवित्र त्यौहार की लेकर दिल्ली एवं देश के बाज़ारों में महिलाओं की गहमागामी काफ़ी काफ़ी बड़ी है और अब जब इस त्यौहार के लिए केवल दो दिन ही रह गये हैं तो आज और कल बाज़ारों में करवा चौथ के बड़े पर्व को मनाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएँ बाज़ारों में आयेंगी जिसके लिये दुकानदारों ने व्यापक स्तर पर काफ़ी तैयारियाँ की हुई हैं और बाज़ार पूरी तरह सज गए हैं। 

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया कि करवा चौथ पर ज्वेलरी से लेकर कपड़े, मेकअप सामग्री,साड़ियाँ, पूजा कैलेंडर एवं पूजा सामग्री जिसमें पूजा हेतु करवा, छलनी, दीया, फूलबत्ती व पूजा से जुड़ी अन्य सामग्री की ख़रीदारी की जाएगी। ज्यादातर महिलाएं कथा की किताब और दीपों की भी खरीदारी करती हैं। इसके अलावा, श्रृंगार की वस्तुओं में कांच की लाल चूड़ियां, बिछिया, पायल, लाकेट एवं चूड़ा सहित विभिन्न प्रकार की करवे की थाली खरीदे जाते हैं। इस बार चाँदी से बने करवे भी बाज़ार में उपलब्ध हैं जिनकी माँग अधिक होने की उम्मीद है। 

करवा चौथ की पूजा में शुद्ध घी, गंगाजल, चावल, मिठाई, लाल महावर (रंग),कंघी, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी चुनरी शिव-पार्वती और भगवान गणेश की एक फोटो, व्रत कथा की किताब, दीपक गौरी बनाने मिट्टी या गाय का गोबर, गेंहू ,पानी का लोटा, कच्चा दूध कुमकुम अगरबत्ती फल-फूल आदि रखे जाते हैं 

श्री खंडेलवाल ने यह भी बताया कि करवा चौथ के पर्व पर मेहंदी लगाना बहुत शुभ माना जाता है और इसलिए देश भर में मेहंदी का बड़ा कारोबार होता है। बाज़ारों, मंदिरों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मेहंदी लगाने वाले बैठ जाते हैं और उनसे मेहँदी लगवाने वाली महिलाओं की लाइन लगी रहती है। दिल्ली में कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर एक ऐसी जगह है जहां हज़ारों महिलाएँ हाथों में मेहँदी लगवाती है।अब तो ब्यूटी पार्लरों में भी करवा चौथ के अवसर पर मेहंदी लगाने के विशेष प्रबंध किए जाते हैं वहीं बड़ी मात्रा में घरों में भी मेहँदी लगाने वालों को बुलाया जाता है जिसमें न केवल स्त्री बल्कि पुरुष भी शामिल हैं।

ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ के व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े या इस रंग से जुड़ी कोई भी श्रृंगार की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। इसके साथ साथ सफेद रंग वस्त्र या चूड़ी भी पूजा में शामिल न करें। किसी भी व्रती महिला को इस दिन धार वाली चीजें जैसे चाकू, कैंची, सुई भी नहीं खरीदनी चाहिए। इस दिन ऐसा करना बहुत अशुभ माना जाता है।

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