युवती की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी,रांदेर पुलिस स्टेशन के पीएसआई बिपिन परमार एक मामले की चार्जशीट लेने के लिए कोर्ट में आये थे।बेहोश युवती को उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया
सूरत की कोर्ट में तीसरे माले पर बेहोश हुई युवती को रांदेर पुलिस के पीएसआई विपिन परमार ने कंधे पर उठाकर लिफ्ट की राह देखे बगैर बाहर एंबुलेंस तक पहुंचा कर पुलिस फर्ज के साथ मानवता का परिचय दिया है।
सचिन विस्तार में बहन के घर रहने आई युवती का गत 27 जून को युवती के हमवतनी विनोद अमृतलाल पासवान शादी का लालच देकर ने अपहरण कर लिया था।सचिन पुलिस ने अपहरण,बलात्कार और पोक्सो के आरोप में आरोपी विनोद पासवान को गिरफ्तार किया था।इस मामले की न्यायिक कार्यवाही सूरत की विशेष पॉक्सो कोर्ट की न्यायाधीश शकुंतला सोलंकी की अदालत में चल रही थी। पीड़िता और उसकी मां को अदालत ने गवाही देने के लिए बुलाया था।दो बार अनुपस्थित मां-बेटी आज गवाही के लिए कोर्ट में पेश हुईं।युवती की मां ने कोर्ट से कहा कि उसकी बेटी की तबियत खराब है इसलिए गवाही नहीं दे सकती।कोर्ट में मां के बयान लिए।इस दौरान जज सोलंकी ने युवती का नाम पूछा। अचानक युवती बेहोश होवर गिर पड़ी। इसी दौरान रांदेर पुलिस स्टेशन के पीएसआई बीपिन परमार पुलिस स्टेशन के काम से कोर्ट आए और युवती को बेहोश देखकर तुरंत मानवीय आधार पर उसकी मदद के लिए पहुंच गए।उन्होंने बिना किसी का इंतजार किये उस युवती को अपने कंधों पर उठा लिया।फिर कोर्ट रूम से बाहर आ गए।और लिफ्ट आने का इंतजार किए बिना टाइमिंग इंडिकेटर का उपयोग करते हुए,पीएसआई परमार ने युवती को अपने कंधों पर उठाया और तीन माले से सीढ़ियों से नीचे उतरे। इतना ही नहीं लड़की को कोर्ट के मेन गेट तक ले गए।उसी समय 108 एंबुलेंस मेन गेट पर पहुंच गई। इसलिए युवती को समय पर इलाज मिल गया।
जैसे कि भगवान ने वास्तव में पीएसआई बिपिन परमार को युवती की मदद के लिए भेजा था।पीएसआई बिपिन परमार रांदेर थाने के एक मामले की चार्जशीट के लिए कोर्ट रूम में आए थे।लेकिन पीएसआई बिपिन परमार को नहीं बल्कि उनके थाने के एक अन्य पीएसआई परमार को अदालती कार्यवाही के लिए बुलाया गया था। हालांकि, पीएसआई बिपिन परमार की मौजूदगी तरूणी के लिए फायदेमंद रही। पीएसआई परमार ने बताया कि रांदेर थाने के पीआई ए.एस.सोनारा और स्टाफ हर दिन पांच किमी पैदल चलते हैं। जिससे सभी की फिटनेस अच्छी हो जिससे मैं युवती को उठाकर चलने में सक्षम हो सका।