अहमदाबाद | शुक्रवार को रथयात्रा से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के कोरोना संक्रमित होने की खबर आई है| कोरोना रिपोटिव पॉजिटिव आने के बाद भूपेन्द्र पटेल ने होम कोरंटीन का फैसला किया है| मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने से अब शुक्रवार को रथयात्रा के प्रस्थान से पहले पहिंद विधि कौन करेगा? इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं| अषाढी दूज, 1 जून को अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ जी की 145वीं रथयात्रा निकलेगी| वर्षों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री रथयात्रा से पूर्व सांकेतिक रूप से रथ के आगे सोने की झाडू से रास्ता साफ करते हैं और उसके बाद ही रथयात्रा प्रस्थान होता है| वर्षों से चली आ रही यह परंपरा अबकी बार टूटती नजर आ रही है| मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्होंने होम कोरंटीन होने का फैसला किया है| मुख्यमंत्री के आइसोलेट होने के बाद अब रथयात्रा से पहले पहिंद विधि कौन करेगा? इसे लेकर सवाल उठने लगे| कोरोना संकट के चलते वर्ष 2020 और 2021 में रथयात्रा नहीं निकली थी| लेकिन इस वर्ष पूर्व के वर्षों की भांति रथयात्रा का आयोजन किया गया है और उससे पहले मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं| देखना होगा कि मुख्यमंत्री के स्थान पर इस बार रथयात्रा से पहले पहिंद विधि कौन करेगा? अहमदाबाद की रथयात्रा में सबसे अधिक बार रथयात्रा करने का रिकार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम है| गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने लगातार 13 सालों तक रथयात्रा में पहिंद विधि की थी| रथयात्रा का खासकर अहमदाबाद की रथयात्रा का प्रत्येक गुजरातियों के लिए विशेष महत्व है| उडीसा के जगन्नाथ पुरी के बाद अहमदाबाद में सबसे बड़ी रथयात्रा निकलती है| जिसे लेकर राज्य प्रशासन काफी समय पहले ही सक्रिय हो जाता है| पुलिस काफिला महीनों पहले से इसकी तैयारियां शुरू कर देता है|