सूरत। सूरत के कपड़ा उद्यमी तेजी से अपग्रेड हो रहे हैं। पारंपरिक रूप से कपड़ा का उत्पादन कर बिक्री करने, कपा क्वालिटी की जांच, नए फैब्रिक्स के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट करने के लिए और अन्य राज्यों में बनने वाले कपड़े की क्वालिटी सूरत में किस तरह से डेवलपर किया जाए, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप सूरत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए संस्था मंत्रा में गत वर्ष फेब्रिक्स के 5559 सेंपल जांच के लिए व्यापारियों ने भेजे थे। लोगों के खानपान सहित जीवन शैली के साथ साथ अब पहनने वाले कपड़े की क्वालिटी कैसी है, उसका शरीर पर क्या असर पड़ेगा? इस पर भी लोगों का रुझान बढ़ रहा है। जिससे अब व्यापारी भी कपड़े की गुणवत्ता के लिए जांच आवश्यक समझ रहे हैं। काफी व्यापारी तो कपड़े की गुणवत्ता की जांच करके ही उसका उत्पादन और प्रोसेस करने लगे हैं। सेंपल को लैबोरेट्री में भेजकर ही कपड़ा बना रहे हैं। रिंग रोड स्थित मंत्रा में वर्ष 2022-23 में फेब्रिक्स के 5559 सेंपल आए थे। जिसने कुछ व्यापारी यार्न और केमिकल की क्वालिटी जांच करना चाहते थे। इसके अतिरिक्त कुछ व्यापारी अपने तैयार किए गए कपड़े को अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी है कि नहीं, उसका सर्टिफिकेट लेने के लिए जांच कराए थे। कुछ व्यापारी ऐसे हैं कि जो अन्य राज्यों में तैयार हुआ कपड़ा किस स्तर कहा है उसको परखने के लिए जांच कराए थे। कपड़े की क्वालिटी जांच करा ना इसलिए धीरे-धीरे जरूरी होता जा रहा है कि विदेशों से कपड़ा आयात करने वाले व्यापारी अब अपने ऑर्डर के साथ ही कपड़े की क्वालिटी को भी देखना चाहते हैं।
0000