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लेजर स्पीड गन से तीन दिन में ओवर स्पीड वाहन चालकों के 1500 से अधिक चालान कटे.

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पुलिस का तरिका दिखाने लगा काम.
चालान न भरने पर खाने पड़ सकते हैं कोर्ट के धक्के
 सूरत।शहर में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लक्ष्या के साथ सूरत पुलिस को लेजर स्पीड गन से सज्ज किया गया है.लेजर गन से ख़ास तौर से ओवर स्पीड वाहन चालकों पर लगाम कसी जा रही है.पुलिस के इस अभियान और तरीके ने काम करना शुरू कर दिया है.पिछले तीन दिन में पुलिस ने 1500 से अधिक ओवर स्पीड वाहन चालकों के चालान काटे है। इतना ही नहीं अगर चालान हो भरा तो कोर्ट के धक्के भी खाने पड़ेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ ओवर स्पीड वाहन पर लगाम रखने के लिए अलग अलग 31 लोकेशन पर 31 लेजर स्पीड गन लगाई गई है। इन लेजर गन की मदद से तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की रही है। ट्रैफिक एडमिन एमएस शेख ने बताया कि 29 मार्च से लगाए गए स्पीड लेजर गन की मदद से ओवर स्पीडिंग के औसतन प्रतिदिन 500 से 600 मामले में चालान किये जा रहे हैं। बता दें कि पिछले तीन दिन में 1500 से अधिक ई -चालान ओवर स्पीडिंग के मामले सामने आये हैं। जिसमें अब 15 दिनों के भीतर सभी उल्लंघन करने वालों के पते पर चालान पहुंच जायेगा। शेख ने आगे बताया कि अगर तेज़ी से गाडी चलाने वाले लेज़र गन देखकर धीमा हो जाते है तो उन्हें ये पता होना चाहिए कि गन की रेंज एक किलोमीटर तक है। और वह गाडी की गति को पहले ही भांप लेता है। पुलिस कमिश्नर अजय कुमार तोमर ने कहा कि शहर में होने वाली अधिकांश घातक दुर्घटनाओं के लिए ओवर स्पीड जिम्मेदार है। लेकिन अब लेजर गन वाहन चालकों के लिए निर्धारित गति में वाहन चलाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। शहर से गुजरने वाले राजमार्गों और राज्य राजमार्गों सहित सड़कों पर गति सीमा का उल्लंघन कर लापरवाही से वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई आसान होगी। शहर के अलावा अब बाहर से गुजरने वाले हाईवे पर भी लेज़र गन लगाने की तैयारी हो चुकी है।
बोक्ष
खाने पड़ सकते हैं कोर्ट के धक्के
पुलिस द्वारा बनाये जा रहे ई चालान के लिए पुलिस आयुक्त की ऑफिस में जुर्माना भरने की व्यवस्था की गई है। वहां जाकर जुर्माना भरा जा सकता है। वन नेशन वन चालान के अंतर्गत एकीकरण होने के बाद ऑनलाइन सुविधा भी शुरू हो जाएगी।  अगर कोई भी 90 दिनों के भीतर पैसे नहीं भरेगा तो अहमदाबाद के ई कोर्ट में में चालान का डाटा भेज दिया जायेगा। वहां पर अगर चालान नहीं भरा गया तो दोबारा सूरत कोर्ट में भेजा जायेगा और फिर नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस के तौर पर केस चलेगा और फिर स्थानीय कोर्ट ही जुर्माना वसूलेगी।
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सरप्राइज फैक्टर का असर भी देखने को मिलेगा.
डीसीपी ट्रैफिक अमिता वनानी ने बताया कि लोगों को रोज़ाना एक ही जगह पर पुलिस कर्मियों को देखकर पता चल जाता है किस जगह पर स्पीड गन के साथ पुलिस खड़ी होगी तो वह वहां धीमा हो जायेंगे फिर आगे जाकर तेज़ी से भागेंगे।  इसलिए तय किये गए स्पॉट्स के आस पास कहीं भी पुलिस खड़ी रह सकती है जो एक सरप्राइज फैक्टर है लोगों के लिए। इसका असर आने वाले तीन महीनों में 100  फीसदी देखने को मिलेगा।  
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तय की गई स्पीड लिमिट।
पुलिस आयुक्त के आदेश के बाद भारी और मध्यमवर्गीय वाहनों के लिए 40 स्पीड लिमिट होगी जबकि टू व्हीलर के लिए 50,3 व्हीलर, के लिए 40,फोर व्हीलर के लिए 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति तय की गई है।इससे अधिक स्पीड होने पर ई- चालान जनरेट कर दिया जाएगा।
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