1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम
आयकर नियम: 1 अप्रैल यानी कल से इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे।नए टैक्स स्लैब से लेकर टैक्स लिमिट बढ़ने तक और डेट म्यूचुअल फंड पर कोई एलटीसीजी टैक्स बेनेफिट्स जैसे कई प्रमुख बदलाव 1 अप्रैल से हो रहे हैं।
मार्च के महीने का आज आखरी दिन है यह महीना इस वित्त वर्ष का आखरी महीना है और इसी के साथ वित्त वर्ष 2023 खत्म होने जा रहा।हर सेक्टर के लिए यह महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है खासकर टैक्सपेयर्स के लिए।क्योंकि 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष के साथ ही कई बदलाव होते हैं जो आम से लेकर हर खास आदमी पर डालते हैं। 1 अप्रैल से इनकम टैक्स के कई नियम बदल जाएंगे।टैक्सपेयर्स के नाते इन बदलाव की जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है।अगर आपको अभी तक इन बदलावों के बारे में पता नहीं है तो हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि कौन-कौन से वो नियम हैं जिनमें बदलाव होने जा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को वार्षिक बजट में की गई घोषणाएं की थीं जो वित्त वर्ष 2023 के शुरू होते ही लागू हो जाएंगी। यह बदलाव आयकर नियमों के लिए हैं, जो इनकम टैक्सपेयर्स पर सबसे ज्यादा असर डालेंगे।हम आपको ऐसे ही 10 बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं. आपकी टैक्स प्लानिंग के लिए इन बदलावों को जानना बेहद जरूरी है।
1. डिफॉल्ट टैक्स रीजीम : यदि कोई व्यक्ति यह नहीं बताता है कि वे किस व्यवस्था के तहत अपना रिटर्न जमा करेंगे, तो नई टैक्स रीजीम डिफॉल्ट होगी।
2. टैक्स छूट की लिमिट बढ़ी : नई कर व्यवस्था के तहत सरकार बजट 2023 में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट पा सकता है।अगर पुरानी व्यवस्था से टैक्स भरने का विकल्प चुनते हैं तो ये छूट नहीं मिलेगा।
3. टैक्स स्लैब में बदलाव : नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब 0 से 3 लाख पर शून्य, 3-6 लाख पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर पर 30 फीसदी है।
4. स्टैंडर्ड डिडक्शन: पुरानी व्यवस्था के तहत ₹50,000 की कटौती दी जाती है जिसे नई व्यवस्था में भी बढ़ा दिया गया है।
5. लीव इनकैशमेंट: 1 अप्रैल, 2023 से 25 लाख तक का लीव इनकैशमेंट अमाउंट टैक्स फ्री हो जाएगा।पहले ये राशि 3 लाख रुपये थी।
6. इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड कन्वर्जन टैक्स फ्री: 1 अप्रैल से फिजिकल सोने को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट 😀 (EGR) में बदलने, या फिर EGR को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर कोई कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना होगा।
7. मार्केट लिंक्ड डिबेंचर: मार्केट लिंक्ड डिबेंचर में निवेश शॉर्ट टर्म कैपिटल संपत्ति होगी।
8. जीवन बीमा पॉलिसी : 5 लाख रुपये से ज्यादा की प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से मिला रिटर्न अब टैक्स के दायरे में आएगा।अभी तक मेच्योरिटी पर यह पूरा पैसा टैक्स फ्री रहता था।
9. वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभ: वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अधिकतम जमा सीमा ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख कर दी गई है।
10. डेट म्यूचुअल फंड पर टैक्स: 1 अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड पर एलटीसीजी टैक्स बेनेफिट्स नहीं दिया जाएगा।