सूरत।मनपा प्रशासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तैयार बजट पर अंतिम मुहर लगाने के लिए सामान्य सभा में बुधवार से चर्चा का दौर शुरू हुआ। सूरत महानगरपालिका के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन परेश पटेल ने अपना रिवाइज बजट पेश किया था। आयुक्त द्वारा पेश किया गया बजट 7,707 करोड़ रुपये का था जिसमे स्थाई समिति ने 141 करोड़ की वृद्धि के साथ 7,848 करोड़ का बजट पेश किया गया। इस बजट 300 करोड़ से ज्यादा टैक्स की बढ़ोतरी सूरत की जनता पर की गई है। सूरत महानगरपालिका द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आमसभा का बुधवार को पहला दिन था । इस सामान्य सभा में महापौर सहित सभी पदाधिकारियों और नगरसेवकों के पहुंचने से पहले हलवा रस्म का आयोजन किया गया। इस समारोह में सत्ता पक्ष के नेता, स्थायी समिति अध्यक्ष समेत तमाम नगरसेवक मौजूद रहे। सामान्य सभा शुरू होने से पूर्व सभी पार्षदों को मेयर ने सलामी दी। मनपा के इतिहास में पहली बार केंद्र सरकार की तरह हलवा रस्म का आयोजन किया गया। जिसकी शहर भर में खूब चर्चा हो रही है।
महापौर ने हलवा रस्म को केंद्र की तर्ज पर गुजरात में प्रथम रिकॉर्ड बताया । और कहा कि हलवा तब बनाया जाता है जब केंद्र सरकार में बजट पेश किया जाता हमारे यहां परंपरा है कि कोई भी शुभ समाचार हो तो लापसी रखा जाता है। मेयर हेमाली बोघावाला ने कहा कि सूरत मनपा भी केंद्र सरकार के रास्ते पर चल रही है और आज सामान्य सभा शुरू होने से पहले हलवा रस्म का आयोजन किया गया। यह योजना गुजरात में पहली बार है। नेता प्रतिपक्ष धर्मेश भंडारी ने कहा कि सूरत महानगरपालिका के शासक लोगों को परेशानी में डालने और आर्थिक बोझ देने में ज्यादा दिलचस्पी लेते दिख रहे हैं हजारों करोड़ का बजट पेश किया गया है, जिसमें सूरतवासियों पर 300 करोड़ से ज्यादा का टैक्स लगाया गया है। बजट में आम जनता के विकास कार्य कम लागत और समय पर पूर्ण हों, इसका ध्यान रखा जाए लोगों पर करों के रूप में अतिरिक्त बोझ न डाला जाए, जैसे कि महानगरपालिका के शासक को लोगों की कोई परवाह नहीं है, वे एक तरफ तो टैक्स वसूल कर आर्थिक बोझ दे रहे हैं और दूसरी तरफ हलवा खा रहे हैं जो वास्तव में सही नहीं है। जनता पर बोझ डालने वाले और कड़वाहट परोसने वाले शासकों का मीठा हलवा खाना हमें उचित नहीं लगता।
विपक्ष ने लंच का बहिष्कार किया, चाय नाश्ता लिया
सूरत। सूरत महानगर पालिका की बजट की आम बैठक में लगातार दूसरे वर्ष विपक्षी ने लंच का बहिष्कार किया, लेकिन मनपा की बैठक में दिये गये चाय नाश्ते की मेजबानी विपक्ष ने की। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष ने खाना नहीं खाया और चाय नाश्ता किया। सूरत महानगर पालिका की आमसभा दो दिनों तक चलती है जिसमें सुबह नाश्ता चाय, दोपहर में दोपहर का भोजन और शाम को चाय दी जाती है। आमसभा के दौरान नगरसेवकों व कर्मचारियों की सुविधा के लिए महानगर पालिका द्वारा हर साल इस प्रकार का आयोजन किया जाता है, लेकिन पिछले दो साल से महानगर पालिका के विरोधी दल के सदस्य घर से टिफिन लाकर भोजन का बहिष्कार कर रहे हैं। हालांकि पूर्व में आमसभा में महानगर पालिका की ओर से दिया जाने वाला नाश्ता व चाय विपक्षी दल ने ले लिया था। इससे पूर्व विपक्ष ने नगर पालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए लैपटाप, कार व फोन की सुविधा ले ली है। महानगर पालिका की विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी अन्य सब सुविधाएं लेती है लेकिन महानगर पालिका की आम सभा में भोजन नहीं करती है।तब कई तर्क लगाए जा रहे है।
विकासलक्षी प्रजालक्षी बजट - विजय चौमाल
सूरत मनपा के बजट 2023 -24 पर बोलते हुए पार्षद विजय चौमाल ने इसे विकासलक्षी, प्रजालक्षी बताया। उन्होंने बजट की प्रशंसा करते हुए सामान्य सभा मे बोलते हुए कहा कि तीव्रता से विकसित हो रहे सूरत शहर के लिए यह बजट प्रशंसनीय है। उन्होंने शहीद स्मारक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गुजरात का पहला शहीद स्मारक है जो हमे वीर शहीदों की याद दिलवाएगा। इसके बजट में अभी तक 23.74 करोड़ रुपये आवंटित हो चुके है जबकि 6 करोड़ का ओर प्रावधान किया गया है। यह स्मारक मेरा भी एक स्वप्न था जो सूरत महानगरपालिका के कारण साकार हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में हुए नेशनल बीच सोकर्स टूर्नामेंट के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के कारण भी सूरत का नाम देशभर में रोशन होता है। इसका श्रेय भी उन्होंने मनपा के साथ साथ आयोजक जिग्नेश पाटिल को दिया। दूरदर्शिता पूर्ण कार्यो के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कोई भी विकास सम्बन्धी योजना आगे आने वाली चुनोतियो तथा कठिनाइयों को देखकर होनी चाहिए जिससे कि हमे आने वाले सालों में कोई परेशानी न हो। अगर हम भविष्य के बारे में विचार किये बिना कोई कार्य करेंगे तो वो आगे हमे विचार करने पर मजबूर करेंगे क्योकि शहर की जनसंख्या तथा विस्तार में वृद्धि हो रही है अतः इसका इंफ्रास्ट्रक्चर भी भविष्य को ध्यान में रखते हुए डेवलप होना चाहिए। सहारा दरवाजा से पुना पाटिया तक तथा उधना दरवाजा से उन तक ओवरब्रिज बनाने के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर टीम ने भविष्य का सोच कर कार्य किया होता तो सहारा दरवाजा से पुना पाटिया तक तीन अलग अलग ओवरब्रिज नही होते जिससे मनपा का पैसा भी जाया नही होता तथा आम शहरी को भी तकलीफों का सामना नही करना पड़ता। उन्होंने दोनो मार्गो पर वराछा रोड़ की तरह लंबा ओवरब्रिज बनाने की बात कही।