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एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने और दूरंतो के सूरत में स्टॉपेज की मांग

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SGTTA की बोर्ड मीटिंग में जीएसटी इनपुट प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर
ईमानदारी से टैक्स भरने वाले व्यापारियों को अवार्ड देने पर हो विचार 
सीआर पाटिल और दर्शना बेन जरदोष को देंगे ज्ञापन

सूरत। साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) के बोर्ड रूम में आवश्यक बोर्ड मीटिंग आयोजित की गई। अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने की। संचालन महामंत्री सचिन अग्रवाल ने किया। इस मीटिंग में ट्रेडर्स भाइयों का जीएसटी रिफंड... सूरत की फ्लाइट कनेक्टिविटी एवं किराया भाड़ा...दूरंतो ट्रेन एवं अन्य ट्रेनों के स्टॉपेज...और आगामी बजट को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। क्रमवार सभी ने अपने उद्बोधन में कोरोना के बाद दिनों दिन फ्लाइट की संख्या घटकर आधी से भी कम हो जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। साथ ही यह भी कहा कि फ्लाइट की कम कनेक्टिविटी के कारण बड़ोदरा और अहमदाबाद से दिल्ली के भाड़े से डबल रेट में सूरत से टिकट मिल रहा है। पहले किराया भाड़ा 4000 रुपए तक होता था आज यह बढ़ कर 11000 से 12000 रुपए तक पहुंच गया है। कोरोना के पहले जब रीजनेबल भाड़ा था तब एयर ट्रैफिक भी सूरत से भरपूर मिल रहा था।
मीटिंग में इस बात का भी जिक्र आया कि 70 से 80 लाख की आबादी वाले और तेजी से विकसित हो रहे सूरत शहर में फ्लाइट की संख्या घट जाने से व्यापार प्रभावित हो रहा है। बोर्ड मेंबर्स ने यह भी कहा कि फ्लाइट के अचानक कैंसिल हो जाने से व्यापारियों को बहुत तकलीफ़ होती है। सरकार को इस स्थिति में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।  सूरत शहर को मुख्य शहरों से पहले की तरह कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। एविएशन मिनिस्ट्री को इस मुद्दे पर तत्काल राहत देना चाहिए। 
बोर्ड मेंबर्स का कहना था कि यह समझ से परे है कि आबादी में सूरत से बहुत कम बड़ोदरा में सूरत की तुलना में बहुत अधिक ट्रेनों का स्टॉपेज है। संस्था को दूरंतो और अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों के सूरत में हाल्ट के लिए रेल मंत्रालय को एक ज्ञापन देना चाहिए। साथ ही यथा शीघ्र इस विषय में मंत्री महोदय से मिलकर महत्वपूर्ण ट्रेनों के स्टॉपेज सूरत में कराने का प्रयास करना चाहिए।
जीएसटी की विषय वस्तु को लेकर बोर्ड मेंबर्स में स्पष्ट नाराजगी दिखी। मीटिंग में इस बात का भी जिक्र आया कि सरकारी नियमानुसार ट्रेडर्स भाई समय समय पर जीएसटी भरते हैं। जीएसटी इनपुट लेने की अत्यंत जटिल प्रक्रिया के चलते व्यापारी सहजता के साथ अपना क्लेम नहीं कर पाता। जीएसटी की इस पेचीदगी को सरल किया जाए ताकि समय पर इनपुट मिल पाए। मीटिंग में इस बात का भी जिक्र आया कि इन्कम टैक्स में यदि हमारा टैक्स ज्यादा जमा हो जाता है तो रिटर्न फाइल करने के बाद हमारा पैसा डायरेक्ट खाते में जमा हो जाता है। इस विभागीय व्यवस्था से इन्कम टैक्स धारक बहुत राहत महसूस कर रहे हैं। व्यापारी भाइयों की क्रेडिट जमा कराने की प्रक्रिया को इन्कम टैक्स की तरह सरल किए जाने की आवश्यकता है।
बजट के विषय में मीटिंग में इस बात को रखा गया कि व्यापारी जीवन पर्यंत इन्कम टैक्स भरता रहता है। रिटायरमेंट के टाइम के समय किसी भी रूप में पेंशन... सुविधा... कैश रिफंड या किसी भी प्रकार की राहत सरकार से नहीं मिलती है। ईमानदार इन्कम टैक्स पेयरों को किसी भी तरह से अवार्ड देकर समाज में उनके महत्व को प्रतिपादित करने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। टैक्स स्लैब में काफी समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है। मीटिंग में जोर देते हुए कहा गया कि टैक्स स्लैब को और घटाए जाने की आवश्यकता है। ताकि व्यापार में सरलता बढ़े। कोर्पोरेट टैक्स को जिस तरह कम किया गया है। उसी तर्ज पर व्यापारी भाइयों को टैक्स स्लैब में कुछ राहत मिलना अत्यंत आवश्यक हो गया है। 
अंत में यह भी तय किया गया कि इन सभी विषय वस्तुओं को लेकर एक ज्ञापन सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल और रेल राज्यमंत्री दर्शना बेन जरदोश को दिया जाए। मीटिंग में सुनील मित्तल, महेश जैन,  दिनेश कटारिया, प्रदीप खंडेलवाल,अनिल चडांलिया,विनोद  अग्रवाल इत्यादि बोर्ड मेंबर्स उपस्थित रहे।

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