मित्रता के लिए दिए गए बकाया के भुगतान में चेक रिटर्न करा दिए गए
सूरत.अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चिराग वी. राणा ने कपड़ा व्यवसायी को दिए गए एक लाख रुपये के बकाए के भुगतान के खिलाफ जारी किए गए चेक की वापसी के मामले में आरोपी व्यवसायी को दोषी ठहराया, एक साल की कैद, 1.25 लाख रुपये का जुर्माना अदा न करने पर एक महीने की कैद और जुर्माने की राशि से शिकायतकर्ता को 1.20 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर देने का आदेश दिया है.
प्रापर्टी ब्रोकरेज व्यवसाय से जुड़े शिकायतकर्ता जशवंत अंबालाल मेहता (रे.वेस्टर्न शैत्रुंज्या अडाजन) के सूरत टेक्सटाइल मार्केट में मनुदेवी कलेक्शन के आरोपी प्रबंधक नीलेश बी पाटिल के साथ कारोबारी मित्रवत संबंध थे। इस संबंध के चलते मई-2017 में अभियुक्त ने शिकायतकर्ता से व्यावसायिक उद्देश्य के लिए 1 रुपये प्राप्त किए। आरोपी ने इस संबंध में शिकायतकर्ता को एक वचन पत्र लिखा था।
इसलिए, निर्धारित अवधि के बाद, शिकायतकर्ता को दी गई देय राशि का चेक बैंक से वापस कर दिया गया और एक दायर किया गया अदालत में शिकायत। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को कैद व जुर्माने की सजा सुनाते हुए कहा कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के वैधानिक उद्देश्य को देखते हुए आरोपी को सजा में परिवीक्षा का लाभ देना न तो उचित है और न ही उचित।