जैन महातीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने व पालीताणा में असामाजिक तत्वों के आतंक के विरोध में जैन समुदाय
सूरत।जैन धर्म के पवित्र तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को सरकार ने अध्यादेश जारी कर पर्यटन स्थल घोषित करने से देश भर के जैन समुदाय में आक्रोश है।देश भर का जैन समुदाय सरकार के इस अध्यादेश का विरोध कर रहा है।जैन बंधुओ का कहना है कि जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली तथा करोड़ो जैन मुनियों की तपो भूमि को पर्यटन स्थल घोषित करना अनुचित है।पर्यटन स्थल बनने से यहां होटलें इत्यादि खुलेगी जिससे तीर्थ की पवित्रता नष्ट हो जायेगी इसका विरोध करने के लिए आज सकल जैन संघों ने सूरत जिला कलेक्टर आयुष ओक को ज्ञापन दिया।जैन धर्म प्रेमियों ने सरकार के अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है।सैकड़ों की संख्या में भगवान महावीर के अनुयायियों ने जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर अपना विरोध किया तथा कलेक्टर को ज्ञापन दिया।
सूरत टेक्सटाइल मार्केट के जैन व्यापारियों ने महातीर्थ की रक्षा व सरकार के अध्यादेश के विरोध में अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।जैन अनुयायियों ने जैन तीर्थ पालीताणा में असमाजिक तत्वों के आतंक से तीर्थ को मुक्त करवाने की मांग की।रिंग रोड विस्तार के मिलेनियम टेक्सटाइल मार्केट ग्लोबल मार्केट,राधाकृष्ण टेक्सटाइल मार्केट,महावीर मार्केट,अभिनंदन मार्केट,टीटी टॉवर,आदि बड़े व छोटे मार्केट के जैन व्यापारियों ने महातीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने व पालीताणा में असमाजिक तत्वों के आतंक के खिलाफ दुकानें बंद रखी।पाल अडाजन के जैन संघों के साथ राजस्थान जैन सेवा समिति,बाड़मेर जैन श्री संघ, जैन कान्फ्रेस,जय मातादी चेरिटेबल ट्रस्ट,श्रमण संघ ,दिगंबर संप्रदाय के धर्मप्रेमी सुबह 10 बजे कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर झारखंड व केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध किया।