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पर्युषण पर्व में आत्मा की अज्ञानता दूर करना यही सच्चा धर्म है-साध्वी कल्पलताश्री

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पर्युषण पर्व के पांचवें दिन आराधना भवन में भगवान महावीर के जन्म वांचन का हुआ कार्यक्रम

त्रिशला नन्दन वीर की जय बोलो महावीर की.........जय महावीर के उदबोधन से गुंजा बाड़मेर शहर

बाड़मेर। स्थानीय श्री जिनकांतिसागरसूरी आराधना भवन में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी द्वारा चल रहा अनुभवानंदी वर्षावास मे गुरूवर्या कल्पलता श्रीजी म.सा. ने बताया कि पयुर्षण तप और त्याग का पर्व है। इस दौरान आत्मा की अज्ञानता दूर करना यही सच्चा धर्म है। पयुर्षण पर्व के दौरान आठ कर्मों का दहन करना तथा जीवमात्र के प्रति दया रखना यही सभी का परम कर्तव्य है। श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व के तहत बुधवार को भगवान महावीर का जन्मवाचन समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर अचिंत्य चिंतामणि कल्पसूत्र शास्त्र में उल्लेखित महावीर जन्म के वृत्तांत का वाचन साध्वी के मुखारविंद से हुआ। इस महापर्व के अंतर्गत कल्पसूत्र में उल्लेखित भगवान महावीर के जन्म-प्रसंग का वाचन सुनाया गया। श्वेतांबर मान्यता के अनुसार माता त्रिशला ने भगवान के जन्म के पूर्व जो 14 महास्वप्न देखे थे, वे 14 रजत स्वप्न उतारे गये। आराधना भवन में विराजित साध्वी मंडल भगवान महावीर के जन्म उत्सव का विवरण व माता त्रिशला को आए 14 सपनों के महत्व को प्रतिपादित किया। जन्मोत्सव के दौरान माता त्रिशला को आए 14 स्वप्नों की बोलियां लगाकर उन्हें प्रतिष्ठित किया गया। मुंह मिठा कर प्रभावना भी वितरित की गयी। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी गौतमचंद बोथरा व संघ मीडिया प्रभारी अशोक भूणिया ने बताया कि बुधवार को आराधना भवन में श्री जैन श्वेताम्बर आदिनाथ ट्रस्ट कमेटी द्वारा व अध्यक्ष बुधरचन्द भंसाली की उपस्थिति में पर्युषण के पाचंवें दिन भगवान महावीर के जन्मोत्सव के दौरान माता त्रिशला को आए 14 स्वप्नों की बोलियां लगाई गई, बोलियों में जैन बन्धुओं ने उत्साह से भाग लिया। इसी चढावों की कड़ी में भगवान महावीर जन्मोत्सव के पालने का चढावा जगदीशचन्द ताराचन्द संखलेचा परिवार द्वारा लिया गया। इसके पश्चात गुूरूवर्याश्री कल्पलता श्रीजी म.सा. के मुखरबिन्द से परमात्मा महावीर स्वामी का जन्म वांचन हुआ और पुरा आराधना भवन जय महावीर से गुंज उठा। परमात्मा के जन्म वांचन के बाद साध्वी भगवंत व सकल संघ पालने के लाभार्थी के वरघोड़े के साथ पहुंचे और रात्रि में लाभार्थी के घर भक्ति का कार्यक्रम हुआ। संघ अध्यक्ष अशोक धारीवाल ने बताया कि बुधवार को सांय कालीन आरती में कुमारपाल महाराजा बनने का लाभ बाबुलाल मेवाराम तातेड़ परिवार ने लिया और रात्रि में वसी कोटड़ा चैबीस गांव भवन मेे केएमपी व ज्ञान वाटिका के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ, जिसमे नाटकीय घटनाक्रम मे धर्म संस्कार की सीख दी गई। मंच संचालन पवन संखलेचा नमन ने किया।

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