चेन्नई।अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वाधान में तेरापंथ युवक परिषद चेन्नई द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक कार्यक्रम में मुनि श्री हिमांशु कुमार जी ने त्रिपदी वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने अ.सि.आ.उ.सा. पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण करवाया और ध्यान का अभ्यास कराया।
मुनि श्री हिमांशु कुमार जी ने सामायिक की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सामायिक एक सरल, सहज और उत्कृष्ट साधना है। जिसने सामायिक को साध लिया, उसने परम सुख को पा लिया। उन्होंने सामायिक करने के विधि-विधान पर जोर देते हुए कहा कि जिन चीजों से मन की चंचलता बढ़ती है, उन्हें सामायिक के समय दूर रखें। सामायिक की शुरुआत करते समय प्रतिलेखन, प्रमार्जन, वंदना, आज्ञा, सामायिक पाठ का शुद्ध उच्चारण, संपूर्ण तैयारी और णमोकार मंत्र का स्मरण आवश्यक है।
मुनि श्री ने प्रतिदिन सामायिक करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि ब्रह्म मुहूर्त साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है और इस समय साधना करने से विशेष लाभ मिलता है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सामायिक करने का आह्वान किया।
प्रभु महावीर की आध्यात्मिक यात्रा का वर्णन करते हुए मुनि श्री ने बताया कि महावीर वाणी का प्रत्येक शब्द जीवन में उतारने योग्य है। भगवान महावीर की जीवन यात्रा का पहला बिंदु सम्यक दर्शन है। उन्होंने ममकार, अहंकार और फुफकार का वर्जन करते हुए महावीर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।
इससे पहले, मुनि हेमंत कुमार जी ने पर्युषण पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पर्व हमें नश्वर से ध्यान हटाकर शाश्वत पर ध्यान केंद्रित करने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि अगर परम सुख की प्राप्ति करनी है, तो सामायिक का अभ्यास करें। सामायिक के माध्यम से ही परम सुख प्राप्त होता है। मुनि श्री ने कहा कि सामायिक के दौरान बैठने की मुद्रा यानी आसन सही होना चाहिए और सामायिक से पहले आहार कम होना चाहिए, जिससे साधना सफल हो सके।
इस प्रकार, कार्यक्रम में मुनि श्री हिमांशु कुमार जी और मुनि हेमंत कुमार जी ने सामायिक की महत्ता और साधना की विधियों पर मार्गदर्शन प्रदान किया, जिससे श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिली।