वेसु,सूरत।सूरत शहर के वेसु में स्थित भगवान महावीर युनिवर्सिटि परिसर में बने संयम विहार में वर्ष 2024 का चातुर्मास कर रहे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में पर्वाधिराज पर्युषण के तीसरे दिन मंगलवार को गुरुकुलवास में प्रवासित तथा तपस्यारत सुशिष्या साध्वी धैर्यप्रभाजी का प्रातः देवलोक गमन हो गया। साध्वी श्री मुनि कुशलकुमारजी, साध्वी सिद्धार्थप्रभाजी व तथा साध्वी तेजस्वीप्रभाजी की संसारपक्षीया माता थीं। उनके देवलोक गमन होने की सूचना पर उनके दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आई। उनका पार्थीव शरीर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ महावीर समवसरण में रखा गया। आचार्यश्री महाश्रमणजी ने स्वयं वहां पधारकर मंगलपाठ सुनाया। साध्वीप्रमुखाजी आदि साध्वियां भी वहां उपस्थित थीं।
महावीर समवसरण में श्रद्धालुओं द्वारा धार्मिक उपक्रम भी चले। चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति द्वारा उनकी बैंकुठी यात्रा साढ़े ग्यारह बजे महावीर समवसरण से निकली तो जनता की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। उनकी बैकुंठी यात्रा उमरा श्मशान भूमि पहुंची,जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान आचार्यश्री मंगल सन्निधि में होने वाले प्रतिदिन के कार्यक्रम स्थगित रहे।