जीएसटी पोट्रल पर जीएसटी आर-1 ए एक्टिव हो गया है।ये वह रिटर्न हैं जिसमे जीएसटी आर-1 में हुई गई गलती को सुधारा जा सकेगा।फिलहाल जीएसटी आर-1 में अगर किसी भी टैक्सपेयर से जैसे जीएसटी नम्बर,अमाउंट,या कोई बिल छूट जाता था जैसी गलतियां हो जाती हैं तो जिस महीने में व गलती हुई हैं ठीक अगले महीने की जीएसटी आर-1 में ही व एमेटमेंट कर सकता था। अब इस नए जीएसटी आर-1 ए रिटर्न मे आप कोई बिल चढ़ाना रह गया,बिल अमाउंट में त्रुटि,मूल्य जैसी गलतियों को अब जीएसटी आर 1 ए हर महीने की 13 तारीख तक आप इसमे एमेटमेंट कर सकते है।केवल किसी भी टैक्सपेयर का जीएसटी नम्बर को नही सुधार सकेंगे। साथ ही इसे हर टैक्सपेयर को फ़ाइल करने की जरूरत नही है केवल एमेटमेंट जो टैक्सपेयर करेगा उसी को ही फ़ाइल करना होगा। जीएसटी आर 2 ए हर महीने की 14 तारीख को जनरेट हो जाता है। जिसमे सामने वाली पार्टी को आईटीसी क्लेम मिलता है। जब जीएसटी आर 1 व जीएसटी आर 1 ए फ़ाइल करना है तो 3 बी रिटर्न फाइल 20 तारीख को रिटर्न फाइल करेंगे तो उसमे जीएसटी आर 1 व जीएसटी आर 1 ए इन दोनों के डेटा आपको ऑटो पॉपुलेट होकर मिलेंगे।जिससे जीएसटी के जो आज मिसमैच के नोटिस आ रहे हैं उसे काफी हद तक टैक्सपेयर को फायदा मिलेगा।साथ ही जिस प्रकार लंबे समय से टैक्सपेयर्स की मांग पर सरकार ने जीएसटी आर 1 की हुई मिस्टेक को हल करने के लिए जीएसटी आर 1 ए पोट्रल पर एक्टिव किया है।आशा हैं कि सरकार जीएसटी आर 3 बी में भी एमेटमेंट व नेगिटिव फिगर डालने की फेसेलिटी अगर जल्द ही पोट्रल पर लाती हैं तो करोड़ो टैक्सपेयर्स को फायदा मिल सकेगा।