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जन्मो जन्म के पुण्य से भागवत श्रवण का अवसर मिलता

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सुरत।न्यू सिटी लाइट मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास देवसर माताजी बैंक्विट हॉल में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को व्यास  पीठ से कथा वाचक गोपाल कृष्ण महाराज ने कहा कि जब जीव का जन्मोजन्म का पुण्य एकत्रित होता है तब भागवत श्रवण का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा की भागवत सिर्फ कथा नहीं ,बल्कि हम सब के जीवन का सार है । उसके बाद कथावाचक ने प्रसूति का दक्ष प्रजापति के साथ विवाह करना वह सती द्वारा भगवान शंकर से कहना कि आपके ससुर यज्ञ कर रहे हैं का वर्णन किया ।फिर सती द्वारा अपने पति का आसन नहीं बिछाने पर अपने पिता को उलहाना  देने का वर्णन किया। तत्पश्चात सती द्वारा मरते वक्त जन्म-जन्म तक मुझे यही पति मिलने का वर मांगा ।उसके बाद सौतेली माता सुरुचि द्वारा  ध्रुव को अपने पिता की गद्दी  पर नहीं बैठने को कहा वह सुरुचि द्वारा ध्रुव  का हाथ पकड़ कर नीचे उतरने का वर्णन किया। उसके बाद कहा कि तूं इस गदी पर नहीं बैठ सकता है तूं पहले भगवान से प्रार्थना कर कि अगले जन्म तू मेरी कुक्षी से जन्म ले फिर इस गद्दी पर बैठना ।फिर ध्रुव को नारद द्वारा यह कहना कि तू भगवान नारायण के शरण में जा नारद ने ध्रुव को गुरु मंत्र दिया। उसके बाद भगवान नारायण ने ध्रुव  कि तपस्या  से प्रश्न होकर 36000 साल राज करने का वरदान दिया। कथा में बीच-बीच में भजन कीर्तन किया गया ।मस्कारा परिवार के अरुण मस्कारा, पवन मस्कारा एवं नटवर नांगलिया सहित कई   गण मान्य उपस्तिथ थे। शनिवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा ।

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