भारत की शिक्षा प्रणाली महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है: चैंबर अध्यक्ष विजय मेवावाला
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बुधवार को 'क्विस्ट फॉर क्वालिटी एजुकेशन' विषय पर आयोजित सेमिनार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। सेमिनार में शिक्षाविदों,उद्योग जगत के लोगों और छात्रों ने भाग लिया। एसजीसीसीआई के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में से एक है, लेकिन इसमें सुधार की गुंजाइश अभी भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। सेमिनार में सुमन हाईस्कूल के प्राचार्य डॉ. सुरेश अवैया ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बच्चों को खेल-खेल में सीखने के अवसर प्रदान करने चाहिए। वाइब्रेंट ग्रुप ऑफ स्कूल्स के अध्यक्ष डॉ. दीपक राज्यगुरु ने बच्चों की शिक्षा में रुचि बढ़ाने के लिए शिक्षकों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों की समस्याओं को समझने और उनके अनुसार शिक्षण पद्धति में बदलाव लाना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित कमलेश याग्निक ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को कौशल विकास पर भी ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत और शिक्षण संस्थानों को मिलकर छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने के प्रयास करने चाहिए। एसजीसीसीआई के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि चैंबर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा।
कार्यक्रम में एसजीसीसीआई के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी, मंत्री नीरव मांडलेवाला, शैक्षणिक संस्थानों के अग्रणी, छात्र और विभिन्न उद्योगों के युवा उद्यमी उपस्थित थे। चेम्बर के कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ला ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। एसजीसीसीआई शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष महेश पमनानी ने कार्यक्रम का संचालन किया।