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जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब भारत सरकार में कोई मेरी बात नहीं सुनता था :पीएम मोदी

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- दुनिया के पहले नेनो यूरिया लिक्विड प्लांट का शुभारंभ, आधा लीटर यूरिया एक बोरी की जरूरत पूरा करेगी
- महात्मा मंदिर में भारत का पहला सहकारिता क्षेत्र का पहला महासम्मेलन-“सहकार से समृद्धि”


गांधीनगर | गुजरात के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में सहकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब भारत सरकार को राज्य की समस्याओं को लेकर कई चिट्ठियां लिखता था, लेकिन मेरी कोई सुनता नहीं था| उन्होंने कहा कि उस वक्त सहकारिता क्षेत्र पर भी आयकर लगता था और इसे हटाने के लिए केन्द्र सरकार को कई बार पत्र लिखा| लेकिन केन्द्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र से आयकर खत्म नहीं किया| केन्द्र में सत्ता पाने के बाद हमने सहकारिता क्षेत्र को आयकर मुक्त किया| पीएम मोदी ने कहा कि सहकार गांवों के आत्मनिर्भर का माध्यम है और वही आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा है| आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांवों का आत्मनिर्भर होना जरूरी है| उसके लिए गांधी और सरदार ने जो दिशा बताई थी, उसी पर हम आगे बढ़ रहे हैं| उन्होंने कहा कि गुजरात के 6 गांवों को चुना गया है, जहां संपूर्ण रूप से सहकारी व्यवस्था लागू की जाएगी| आज आत्मनिर्भर खेती के लिए देश के पहले नेनो यूरिया प्लांट का लोकार्पण करते हुए विशेष आनंद की अनुभूति करता हूं| पीएम मोदी ने कहा कि एक बोरी यूरिया की क्षमता अब एक बोतल में आ गई है| नेनो यूरिया की आधा लीटर की बोतल किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी| पीएम मोदी ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर से ही कलोल स्थित इफ्को प्लांट का डिजिटल लोचिंग करते हुए कहा कि इस मौके पर देशभर से जुड़े लाखों किसानों का मैं आभार व्यक्त करता हूं| उन्होंने कहा कि कलोल स्थित प्लांट की उत्पादन क्षमता डेढ़ लाख बोतल है और आगामी समय में देश में ऐसे 8 प्लांट की स्थापना की जाएगी| ताकि विदेश से यूरिया की निर्भरता कम होगी और देश का पैसा बचेगा| मुझे आशा है कि यह शोध केवल नेनो यूरिया तक सीमित नहीं रहेगी| पीएम मोदी ने कहा कि खाद के उपयोग में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है और उत्पादन में तीसरे क्रम पर हैं| 8 साल पहले तक बड़े पैमाने पर खाद खेतों में जाने के बजाए कालाबाजारी का शिकार होती थी| अपनी जरूरतों के लिए किसानों को लाठियां खानी पड़ती थीं| देश में यूरिया की जो बड़ी फैक्ट्री थी वह भी नई तकनीकि के अभाव में बंद हो गई थीं| केन्द्र की सत्ता में आने के बाद हमने यूरिया की 10 नीम कोटिंग बीडा उठाया, जिसकी वजह से किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलने लगी| साथ ही पांच राज्यों में बंद पड़े खाद के कारखाने भी शुरू किए| पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी जरूरत की चौथी हिस्से की खाद आयात करता है, परंतु पोटाश और फोस्फेट 100 प्रतिशत आयात करनी पड़ती है| कोरोना और लॉकडाउन के कारण अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में खाद की कीमतें बढ़ गई हैं और बाद में युद्ध भी छिड़ गया है| इस कारण वैश्विक मार्केट में कीमतें बढ़ी हैं| लेकिन हमारी सरकार ने निश्चय किया है कि इस चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बावजूद किसानों पर इसका असर नहीं होने देंगे| कितनी भी बड़ी चुनौती आ जाए देश में खाद का संकट पैदा नहीं होने देंगे| उन्होंने कहा कि भारत विदेशों से 50 किलो की बोरी 3500 रुपए में आयात कर किसानों को 300 रुपए में मुहैया कराता है| अर्थात यूरिया पर सरकार 3200 रुपए का खर्च स्वयं वहन करती है| इसी प्रकार डीएपी की 50 किलो की बोरी पर हमारी सरकार रु. 2500 का खर्च वहन करती है| पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी जैसी परिस्थिति भविष्य में ना हो इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया जा रहा है| खाद्य तेल की समस्या से निपटने की दिशा में भी काम किया जा रहा है| बायो फ्युअल और ग्रीन हाइड्रोजन पर भी प्रयास किया जा रहा है| इसी प्रकार प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने का अभियान चलाया जा रहा है| पीएम मोदी ने कहा कि मैं गुजरात के किसानों का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूं जो प्रगतिशील और साहसी हैं| प्राकृतिक कृषि के प्रति अब गुजरात के छोटे किसान भी रुख कर रहे हैं| लाखों की संख्या में गुजरात के किसान अब प्राकृतिक कृषि को अपना रहे हैं| पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसमें गुजरात को बड़ा हिस्सा है और इसकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका है| उन्होंने कहा कि यह व्यवसाय ज्यादातर माताएं और बहनें संभालती हैं| भारत में एक साल में 8 लाख करोड़ रुपए का दूध उत्पादन होता है| मैं किसी की आलोचना नहीं बल्कि याद कराता हूं कि एक समय था जब गुजरात में डेयरी बनाने पर प्रतिबंद था| अब चारों दिशा में डेयरी का विकास हो रहा है| सहकारी संस्थाओं ने गुजरात में महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बड़े नतीजे दिए हैं| लिज्जत पापड़ दुनियाभर में एक बड़ी ब्रांड बन गया है| हमारी सरकार ने लिज्जत पापड की माता को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है| उन्होंने कहा कि अमूल के साथ लिज्जत भी एक ब्रांड बन गया है| हम सबका प्रयास, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास मंत्र का अनुकरण करते हैं| इसी उद्देश्य के साथ केन्द्र में सहकारिता के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया है और देश में सहकारिता आधारित आर्थिक मॉडल को प्रोत्साहित किया जा रहा है| सहकारी समितियों को बाजार में स्पर्धात्मक बनाना ही हमारा प्रयास है| पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी ताकत विश्वास और सहकार है| उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हम छोटे व्यापारियों को मजबूत बना रहे हैं| छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को भी समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं|

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